लगता है कल ही साथ आये थे
ऐसे हाथ पकड़ कर
कुछ लम्हें थे जो बिता दिए
कुछ किस्से थे जो सुना दिए
पता नहीं वापस कब ये लौटकर आयेंगे
हँसा भी तुम्हारे साथ
रोया भी तुम्हारे साथ
उठा भी तुम्हारे साथ
सोया भी तुम्हारे साथ
थोड़ा तो धीरे चलो यारो
रास्ता गुजरने वाला है
मंजिल तो दिखने लग गयी
पर सफ़र अभी बाकी है
आओ जी ले इन छोटे छोटे
पलों में अपनी जिन्दगी
क्योंकि पता नहीं कब ये
लम्हें अब गुजर जायेंगे
फिर वापस लौट कर ना आयेंगे
कुछ का सफ़र खत्म हुआ
और
कुछ का है अभी शुरू हुआ
दूर कुछ चले जायंगे
फिर पता नहीं पास कब आयेंगे
याद करेंगे या नहीं
पर वादा करता हु यारों
तुम हमारे बिना जी नहीं पाओगे
जो आ रहे है हमारे रास्तो पर
उनके लिए एक बात कहता हूं
जी लेना यहां जिन्दगी
फिर जी नहीं पाओगे
पार्टी अभी कर लेना
बाद में बैंक में ही जमा करवाओगे
अलविदा कहता हु यारों
अब समय हो गया है
नया सफ़र कह रहा है की नयी शुरुवात है
पर मुझे पता नहीं शुरुवात है या अंत...
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